Sitaare Zameen Par Review – दोस्तों, कल रात मैंने “सितारे जमीन पर” देखी—और फिल्म खत्म होते ही मेरे दिमाग में एक ही सवाल था: “क्या आमिर खान अब वो जादू बिखेर पाएंगे जो ‘तारे जमीन पर’ ने 16 साल पहले किया था?
सच कहूँ?
इस फिल्म का हर फ्रेम आपसे चिल्लाकर कहता है: “ये कोई साधारण रीमेक नहीं, बल्कि एक नया इमोशनल सफर है!” लेकिन… क्या ये “चैंपियंस” (स्पैनिश ओरिजिनल) के मुकाबले में टिक पाती है? चलिए, बिना स्पॉइलर के समझते हैं!
- आमिर इस बार टीचर नहीं, बल्कि खुद एक ‘स्टूडेंट’ बनकर आए हैं—जिसे ज़िंदगी का असली पाठ पढ़ना है!
- 10 स्पेशल एक्टर्स की ये टीम आपके दिल पर कब्ज़ा कर लेगी… और आप खुद को इनके साथ ‘हम होंगे कामयाब’ गाते हुए पाएंगे!
- फिल्म की पटकथा कभी-कभी साइकिल के पंक्चर टायर की तरह ढीली लगती है… लेकिन जब ये रुकती है, तब आपको कुछ अनकहे सबक दे जाती है!
Sitaare Zameen Par Movie Details
Director | R. S. Prasanna |
Sitaare Zameen Par Cast | Aamir Khan, Genelia Deshmukh |
Release date | 20 June 2025 |
Sitaare Zameen Par Budget | 90 crores |
Cinemavinema Rating | ⭐3.5/5 |
फिल्म की कहानी: ‘चैंपियंस’ से इंस्पायर होकर भी कितनी है अलग?
जब कुछ ही टाइम पहले मैंने ‘चैंपियंस’ को वाच किया था, मैंने जब इस फिल्म को समझा तो मुझे बो एक डॉक्यूमेंट्री लगी थी, लेकिन अगर बात करू Sitaare Zameen Par Story तो यह उसकी कॉपी जरूर है लेकिन बहुत कुछ अलग है कॉमेडी के साथ। बो थिएटर में बैठे सभी लोगो के दिलो को छू लेगा और आप न चाहते हुए भी इस फिल्म से एमोशनली जुड़ाव महसूस करेंगे!
हालांकि, क्या आप जानते हैं? फिल्म का ये सीन ओरिजिनल में बिल्कुल नहीं था – जहाँ गुलशन (आमिर) बच्चों को क्रिकेट के जरिए जीतना और उसके बाद जीत की खुसी मनाना सिखाता है। यह इंडियन ऑडियंस लिए खासतौर पर जोड़ा गया है जो ओरिजिनल नहीं है।
- “सितारे जमीन पर रीमेक अंतर” – स्पैनिश वर्जन में कोई सॉन्ग नहीं थे, जबकि यहाँ ‘हम होंगे कामयाब’ जैसे ट्रैक्स ने इमोशन्स को 2X किया है।
- “आमिर खान vs जेवियर फेसर डायरेक्शन” – मूल निर्देशक ने सादगी पसंद की थी, पर भारतीय वर्जन में मेलोड्रामा और कॉमेडी का तड़का लाजवाब है!
यह ऐसी कहानी है जो सभी बर्गो के लोगो को बहुत ज्यादा पसंद आएगी, गुलशन (आमिर खान) नाम के एक सेल्फ-सेंटर क्रिकेट कोच की जर्नी दिखाती है। आमिर खान (गुलशन) अपने सीनियर के मिसबिहैव करता है उसी सजा में उसे दिव्यांग या स्पेशल नीड्स बालो को एक मैच के लिए ट्रेनिंग देनी होती है। जिसे बो बिलकुल पसंद नहीं करता है और पीछा छुड़ाना चाहता है। लेकिन धीरे धीरे जैसे बो इनके साथ टाइम बिताता है उनके साथ जुड़ने लगता है।
फिल्म की खास बात यह है कि यह सिर्फ एक कोच और बच्चों की कहानी नहीं, बल्कि दोनों के आपसी सीखने की प्रक्रिया को दिखाती है। जहां गुलशन बच्चों को क्रिकेट सिखाता है, वहीं बच्चे उसे जिंदगी का असली मतलब सिखाते हैं।
अंत में जो क्लाइमैक्स है उसमे यह फिल्म एक टूर्नामेंट में हिस्सा लेती है जहा जीत हार मायने नहीं रखती है लेकिन है जो सबसे जरुरी बात होती है बो है डिसिप्लिन और आपसी संबंध और उनका आत्मविश्वास। फिल्म का संदेश स्पष्ट है – हर व्यक्ति में कुछ खास है, बस उसे पहचानने की जरूरत है।
Sitaare Zameen Par Trailer
Sitaare Zameen Par Review In Hindi – आमिर खान ने फिर बनाया मास्टरपीस!
हर किसी को बराबरी से देखो, फिर देखो ज़िंदगी कितनी खूबसूरत लगती है। कल जब मैंने Aamir Khan New Movie सितारे ज़मीन पर देखी और मई अब मै तब तक इस मूवी के साथ कनेक्शन महसूस कर पा रहा हू! आमिर खान ने गुलशन के किरदार में जान डाल दी है – एक ऐसा क्रिकेट कोच जो खुद स्पेशल बच्चों से जिंदगी क्रिकेट खेल रही होती है …उसकी मासूम मुस्कान ने मेरा दिल पिघला दिया!
आप इस Sitaare Zameen Par Review में आप जानेगे एक कोच की कहानी, जो बस अपनी एक गलती की बजह से अपने करियर में गिरावट के बाद उसे बापस से अपने करियर बूस्ट करने का मौका मिलता है जो उसको सजा के रूप में दिया जाता है जहा उसे डाउन सिंड्रोम से ग्रस्त युवाओं की बास्केटबॉल टीम को ट्रेन करना होता है।
कोच जो कि गुलशन (आमिर खान ) हैं पहले तो बो इसे एक सज़ा या मजबूरी की तरह लेता है, लेकिन जैसे-जैसे वो इन बच्चों के साथ समय बिताने लगता है, उसकी सोच जिंदगी जिंदगी और बच्चो के बारे में बदलने लगती है। यहां ना ईगो है, ना झूठ — सिर्फ सच्ची भावनाएं, मासूम चेहरे और वो जुड़ाव, जो आपको सोचने पर मजबूर कर दे।
हां यह सच है मुझे ये जानकर थोड़ी हैरानी हुई कि ये फिल्म स्पैनिश मूवी Champions की चोरी है। लेकिन सच कहूं — इसकी स्क्रिप्ट और ट्रीटमेंट को जिस तरह भारतीय टोन में ढाला गया है, बो इस फिल्म को यूनिक और बहुत खास देता है।
अगर आपने चैंपियंस मूवी देखि भी है तो भी यह मूवी आपको रीमेक नहीं लगेगी। बहुत से सीन ऐसे लगे जैसे हमारे समाज से ही निकले हों। कोच के इमोशनल ट्रांसफॉर्मेशन को देखकर लगा कि असली बदलाव सिर्फ़ मैदान पर नहीं, दिल में होता है।
ये फिल्म एक याद दिलाती है — कि जिन लोगों को हम “स्पेशल” कहकर अलग कर देते हैं, सही मायनो में इंसानियत उन्ही के अंदर होती है और बो ही है जो जिंदगी में खुस कैसे रहना होता है अच्छे से सिखाते है।
‘सितारे ज़मीन पर’ की ये कहानी सिर्फ कोच की नहीं है — ये हमारे अंदर के उस हिस्से की है जो अब भी जज करता है, जो अब भी डरता है… और जो अब बदलना चाहता है।

क्यों देखें यह फिल्म?
- ✔️ आमिर खान का कैरियर बेस्ट एक्टिंग
- ✔️ स्पेशल बच्चों की प्रतिभा देखकर आंखें नम हो जाएंगी
- ✔️ “हम होंगे कामयाब” गाने का बेहतरीन रीमेक
- ✔️ समाज को सिखाती है – अलग होना कमजोरी नहीं
क्या अच्छा लगा:
- कास्टिंग रियल और दिल से की गई है। – डायरेक्टर R.S. प्रसन्ना ने असल जिंदगी के डाउन सिंड्रोम से जूझ रहे युवाओं को कास्ट करके साहसिक फैसला लिया है — यही इस फिल्म को स्पेशल और यूनिक बनाता है। उनकी एक्टिंग एकदम नेचुरल है कुछ स्क्रिप्टेड जैसा फील नहीं होता है।
- डायरेक्शन में संतुलन है। – मुझे यहाँ इस फिल्म की मेकर्स करनी पड़ेगी, R.S. प्रसन्ना ने कहानी को किसी भी मोड़ पर मेलोड्रामा या सहानुभूति का तमाशा नहीं बनने दिया। उन्होंने जो दिखाया, वो सीधे दिल तक जाता है — बिना चीखे-चिल्लाए।
- इमोशनल पल भारी पड़ते हैं। – इस Sitaare Zameen Par Review को लिखते हुए मैं अभी भी इमोशनल फील कर रहा हु — न किसी डायलॉग से, बल्कि सिर्फ भावों से। यह एक दुर्लभ बात है। इस फिल्म में आपको बहुत से ऐसे सीन है जो आपको रुला भी सकते है।
- बैकग्राउंड स्कोर और म्यूजिक वाकई सधा हुआ है। – राम संपत और शंकर-एहसान-लॉय की जोड़ी ने म्यूजिक को ओवरपावर नहीं किया, बल्कि भावना के साथ बहने दिया। “गुड फॉर नथिंग” गाना दिल को छू जाता है।
❌ क्या बेहतर हो सकता था:
- पहला हाफ काफी धीमा और स्ट्रेच्ड फील होता है। – कई बार ऐसा लगता है कि फिल्म रुक-रुक कर चल रही है। यह एडिटिंग और भी बेहतर और धमाकेदार हो सकती थी। यहाँ मैंने एडिटिंग टीम को दोष देना चाहुगा जहा मुझे सबसे कमी दिखाई दी।
- कोच के ट्रैक में गहराई की कमी है। – वो ट्रांसफॉर्मेशन जो कोच के किरदार में होता है, वो स्क्रीन पर जल्दी-जल्दी सा लगता है। शायद थोड़ा और विस्तार दिया जाता तो उसके इमोशनल बदलाव से और ज्यादा जुड़ाव बनता।
- कॉमिक टाइमिंग में कंट्रोल की जरूरत थी। – मुझे ऐसा लगा कैसे कुछ जगह पर कॉमेडी सीन को जबरदस्ती खींचने की कोसिस की अगर बो लिमिटेड सीन होता तो ज्यादा बेहतर होता।
- दर्शक वर्ग सीमित है। – मुझे माफ़ करना लेकिन यह फिल्म सभी सिनेमा लवर्स के लिए शायद नहीं है ऐसे लोग जिन्हे तेज रफ़्तार मूवी, एक्शन, और परफेक्ट एंटरटेनमेंट चाहिए, उन्हें शायद ये फिल्म थोड़ी ‘धीमी’ और ‘preachy’ लग सकती है।
फिल्म ने क्या सिखाया मुझे:
फिल्म ने यह याद दिलाया कि “स्पेशल” शब्द का मतलब सिर्फ मेडिकल टर्म नहीं होता — यह एक नजरिया होता है। इन बच्चों को दया की नहीं, बराबरी की ज़रूरत है। उनका अपनापन, उनकी हँसी, उनका भरोसा — सब कुछ बेहद असली है।
इस फिल्म ने मुझे खुद से ये सवाल पूछने पर मजबूर किया कि – क्या हम वाकई एक inclusive समाज बना रहे हैं, या बस दिखावे की बातों में उलझे हैं?
Conclusion
सिनेमाविनेमा के हमारे इस Sitaare Zameen Par Review में बिना फिल्म की स्टोरी को लीक किये सटीक जानकारी प्रदान की है, कि ‘सितारे ज़मीन पर’ परफेक्ट फिल्म नहीं है, लेकिन ये एक ईमानदार फिल्म है। इसमें imperfections हैं, लेकिन वही इसे इंसानी बनाते हैं — ठीक वैसे ही जैसे इसके किरदार।
अगर आप वाकई में दिल से कुछ देखने को तैयार हैं — वो भी बिना किसी judgment के — तो ये फिल्म आपके लिए है। ये फिल्म चीखती नहीं, बस धीरे से आपके ज़हन में घर कर लेती है।
अगर आपको आमिर खान या उनकी पसंद है तो इसे अपने दोस्तों के शेयर न करना आमिर के साथ नाइंसाफी होगी। आप Aamir Khan New Girlfriend Gauri के बारे में क्या जानते है नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताये।
📌 रैंकिंग (My Personal Scorecard):
- कहानी: ⭐⭐⭐⭐
- परफॉर्मेंस: ⭐⭐⭐⭐
- म्यूजिक और BGM: ⭐⭐⭐
- डायरेक्शन: ⭐⭐⭐⭐
- एडिटिंग और पेसिंग: ⭐⭐⭐
- इमोशनल कनेक्ट: ⭐⭐⭐⭐
👉 कुल मिलाकर: ★★★★☆ (3.5/5)
Sitaare Zameen Par IMDb Rating: ⭐ 7.3/10
एक ईमानदार कोशिश, जिसमें दिल है — परफेक्शन नहीं, लेकिन असर ज़रूर है।