क्या हो अगर आपके किए गए गुनाह… बार-बार आपके सामने आएं, जब तक आप उनसे माफी ना मांग लें?”
Bhool Chuk Maaf सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक इमोशनल रोलरकोस्टर है जहां Rajkummar Rao हर फ्रेम में दिल जीतते हैं, और Wamiqa Gabbi अपने किरदार से ऐसी परतें खोलती हैं जिन्हें आप भूल नहीं पाएंगे।
लेकिन क्या ये टाइम लूप वाली कहानी सिर्फ एक गिमिक है या इसमें छिपा है एक गहरा मैसेज? क्या वाकई में ये Bhool Chuk Maaf Movie Review आपको झकझोर देगी, या फिर ये भी होगी “देखो और भूल जाओ” वाली मूवीज़ में से एक?
👉 इस सवाल का जवाब आपको तभी मिलेगा जब आप पूरा रिव्यू पढ़ेंगे… और यकीन मानिए, आप चाहकर भी बीच में नहीं रुक पाएंगे!
Bhool Chuk Maaf Details
Director | Karan Sharma |
Bhool Chuk Maaf Cast | Rajkummar Rao, Wamiqa Gabbi, Zakir Hussain |
Running Time | 121 minutes |
Release date | 23 May 2025 |
Rating | 3/5 Star |
Bhool Chuk Maaf Movie Story
बनारस की रंगीन गलियों में बसी है ये दिल छू लेने वाली कहानी, जहां रंजन उर्फ़ बाबू (Rajkummar Rao) जो एक बेरोजगार युवा है लेकिन एक लड़की से मोहब्बत कर बैठा है और उसे हर कीमत पर अपना बनाना चाहता है। उसकी धड़कनें रूकती है जब बो अपनी मेहबूबा (Wamiqa Gabbi) को देखता है — एक खूबसूरत शरारती और बला की खूबसूरत है।
लेकिन तितली के परिवार की परंपराएं शादी की शर्ते दोनों के बीच एक बड़ी दीवार खड़ी करदेती है। खासकर तितली के पिता, बृजमोहन (जाकिर हुसैन), जो सभी मिडिल क्लास फादर के तरह चाहते है कि बह अपनी बेटी की शादी रंजन से तभी करेंगे जब उसके पास एक अच्छी नौकरी हो जाएगी।
यह कहानी सिर्फ एक प्यार की नहीं, बल्कि सपनों, संघर्षों और समाज की उम्मीदों से जूझते एक युवक की है, जो बनारस के सांस्कृतिक और पारंपरिक माहौल में अपनी पहचान बनाने की जद्दोजहद कर रहा है।
बनारस जैसी अध्भुत धरती पर, रंजन उर्फ़ बाबू (राजकुमार राव) बेरोजगारी और अपने परिवार की उम्मीदों पर खरा उतरने की हर संभव कोसिस कर रहा है। उसकी मां रमावती (सीमा पाहवा) अचार का कारोबार चलाती हैं, जबकि पिता रघुनाथ (रघुबीर यादव) अपनी बीमारी के कारण घर पर ही रहते है। सरकारी नौकरी पाने के लिए रंजन शिव मंदिर में मन्नत मांगता है और भगवान दास (संजय मिश्रा) से नौकरी दिलाने का वादा पाता है।
यह कहानी Bhool Chuk Maaf Movie Review में विस्तार से बताई गई है, जहां प्रेम, संघर्ष और पारिवारिक दबाव की जटिलताओं को बड़ी खूबसूरती से पेश किया गया है।
तितली (वामिका गब्बी) जैसे तैसे अपनी माँ का सोने का हार गिरवी रख कर 2 लाख का इंतजाम करती है, जिससे रंजन किसी को देकर अपनी नौकरी पक्की कर लेता है और दोनों की शादी तय हो जाती है और दोनों परिवार में खुसी का माहौल बन जाता है। लेकिन अचानक रंजन एक टाइम लूप में फंस जाता है, जहां हर दिन हल्दी की रस्म दोहराई जाती है और शादी कभी पूरी नहीं होती।
Bhool Chuk Maaf Movie Review in Hindi
भूल चूक माफ यह ऐसी कहानी है जो प्रेम में पड़े लड़के या लड़की को एक बार तो देखनी ही चाहिए क्योंकि यह मिडिल क्लास लड़के की लव स्टोरी और उसमें होने बाली सभी समस्याओं को हूबहू दिखाने की पूरी कैसी करती है।
इस फिल्म की कहानी बनारस की रंगीन गलियों से शुरू होती है और एक अनसुलझे चक्रव्यूह ने फंसने लगती है। इस फिल्म में असली जान डालने बाला काम rajkumar rao ने किया है लेकिन यह उनकी बाकी फिल्मों ने बिल्कुल अलग है शायद उन्हें इस फिल्म में और भी मेहनत करने की जरूरत थी ।
शुरुआत में तो यह फिल्म एक पारिवारिक फिल्म लगती है लेकिन जैसे जैसे स्टोरीलाइन आगे बढ़ने लगती है, वैसे वैसे रंजन टाइम लूप में फसने लगता है और कहानी बहुत ही कॉम्प्लिकेटेड ही जाती है, कहानी एकदम नया मोड़ लेती है। यही वो हिस्सा है जहां फिल्म आपको बांध लेती है।
हालांकि, इस फिल्म की स्टोरी टेलिंग बहुत ही कमजोर नजर आतीं है और टाइम लूप का कनेक्शन ठीक से इससे जुड़ नहीं पाता है, फिर भी यह एक unconventional Hindi comedy film की याद दिल सकतीं हैं एक बार देखने बाद ऐसा कुछ खास नहीं इस फिल्म के जो आपको इसे दोबारा देखने के लिए प्रेरित करे लेकिन एक बार आपके देखनी चाहिए।
Bhool Chook Maaf Review में म्यूजिक लगभग एवरेज है लेकिन सिनेमैटोग्राफी, खासकर Banaras backdrop को बहुत ही बेहतर तरीके से दिखाया है जो असल में इसकी खूबसूरती भी है। कई सीन में आपको ‘बरेली की बर्फी’ या ‘लुका छुपी’ जैसी फिल्मों की स्टोरी लगने लगती है कि आप बही फिल्में देख रहे है, लेकिन ‘भूल चूक माफ’ की कहानी और स्टोरी टेलिंग इन फिल्मों से बिल्कुल अलग है।
अगर आप Wamiqa Gabbi acting, Rajkummar Rao performance, या time loop movies in India की तलाश में हैं, तो यह फिल्म आपको निराश नहीं करेगी — बशर्ते आप पहले हाफ की धीमी रफ्तार को सहन कर लें।